ઑક્ટોબર 11, 2023

તમે આ સંસાર માં શું શોધી રહ્યા છો.....

 તમે આ સંસાર માં શું શોધી રહ્યા છો....

સમજો આ એક કહાની સાથે...

Prem ni shodh ma

8401523670


एक राजा का जन्मदिन था। सुबह जब वह घूमने निकला, तो उसने तय किया कि वह रास्ते मे मिलने वाले पहले व्यक्ति को पूरी तरह खुश व संतुष्ट करेगा।

उसे एक भिखारी मिला। भिखारी ने राजा से भीख मांगी, तो राजा ने भिखारी की तरफ एक तांबे का सिक्का उछाल दिया।

सिक्का भिखारी के हाथ से छूट कर नाली में जा गिरा। भिखारी नाली में हाथ डाल तांबे का सिक्का ढूंढ़ने लगा।

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राजा ने उसे बुला कर दूसरा तांबे का सिक्का दिया। भिखारी ने खुश होकर वह सिक्का अपनी जेब में रख लिया और वापस जाकर नाली में गिरा सिक्का ढूंढ़ने लगा।

राजा को लगा की भिखारी बहुत गरीब है, उसने भिखारी को चांदी का एक सिक्का दिया।

भिखारी राजा की जय जयकार करता फिर नाली में सिक्का ढूंढ़ने लगा।

राजा ने अब भिखारी को एक सोने का सिक्का दिया।

भिखारी खुशी से झूम उठा और वापस भाग कर अपना हाथ नाली की तरफ बढ़ाने लगा।

राजा को बहुत खराब लगा। उसे खुद से तय की गयी बात याद आ गयी कि पहले मिलने वाले व्यक्ति को आज खुश एवं संतुष्ट करना है।

उसने भिखारी को बुलाया और कहा कि मैं तुम्हें अपना आधा राज-पाट देता हूं, अब तो खुश व संतुष्ट हो ?

भिखारी बोला, मैं खुश और संतुष्ट तभी हो सकूंगा जब नाली में गिरा तांबे का सिक्का मुझे मिल जायेगा।

हमारा हाल भी उस भिखारी जैसा ही है। हमें भगवान ने आध्यात्मिकता रूपी अनमोल खजाना दिया है और हम उसे भूलकर संसार रूपी नाली में तांबे के सिक्के निकालने के लिए जीवन गंवाते जा रहे है।

परमात्मा को याद कियें बिन कैसे हो, बेड़ा पार जी।

स्वास हाथ से जा रहे हैं, कीमत बेशुमार जी।

સોલંકી મનોજભાઈ (Prem ni shodh ma)

રાધે રાધે...

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Prem ni shodh ma/dhaashu news

મારી અડધી જીંદગી સુધી મે પ્રેમ ની તલાશ માં વિતાવી નાખી....મારું બચપણ અને જવાની પ્રેમ ની શોધ માં ગઈ..

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