Happy birthday Manoj Bhai
19/10/2023
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Prem ni shodh ma /dhaashu news માં તમારું સ્વાગત છે .."રાધે..... રાધે" 8401523670. Premnishodhma.blogspot.com
Happy birthday Manoj Bhai
19/10/2023
વડગામ તાલુકા ના થુવર ગામ માં કેજીબીવી સ્કૂલ હોસ્ટેલ માં નવરાત્રી ના પ્રથમ નોરતે થીજ હોસ્ટેલ ના મેદાન માં વિદ્યાર્થી ની તેમજ શિક્ષિકા ઓ સાથે મળી સજાવટ કરી
ગરબાની રમઝટ બોલાવી હતી..આ નવરાત્રી મહોત્સવ પ્રસંગે સમગ્ર સ્ટાફ તેમજ વિદ્યાર્થીની ઓ ભારે મેહનત કરી સફળતા પૂર્વક નવરાત્રી ની શુરુઆત કરી હતી
Dhaashu news
8491523670
એક એવી કહાની જે તમને ભક્તિ માર્ગ પર લઈ જશે..
એક વાર શાંતિ થી અને પ્રેમ પૂર્વક સમજવાની કોશિશ કરીએ.....
Prem ni shodh ma
8401523670
एक बार एक औरत का मन श्री कृष्ण की भक्ति के प्रति उचाट हो गया था।
वह श्री कृष्ण की परम भक्त थी। दिन - रात उनके नाम का सिमरन करती थी।
लेकिन एक दिन उसका 8-10 साल का बेटा घर की छत से आंगन में गिर पड़ा। अपने खुन से लथपथ बेटे को देख कर को गोद में उठा कर वह बद्दहवास ही दौड़ पड़ी।
उस समय उसके सिवाय घर पर और कोई भी नहीं था। पुत्र की ऐसी हालत देखकर वह ईश्वर को उलाहना देती रही।
दिन रात तुम्हारा नाम जपती हूं फिर कान्हा मेरे पुत्र को ऐसा कष्ट क्यों दिया?
इसी उधेड़बुन में डाक्टर साहब का क्लीनिक आ गया। डाक्टर साहब ने उस का ईलाज किया और कहने लगे कि आप के पुत्र को कोई गहरा घाव नहीं हुआ।
यह घाव भी कुछ दिन में ठीक हो जाएगा और उसे दवाई दे दी। लेकिन एक मां का हृदय बार- बार उस दृश्य को स्मरण कर सिहर जाता।
इसलिए एक मां का मन ईश्वर की शक्ति को चुनौती दे रहा था कि मेरे बेटे के साथ उन्होंने ने ऐसा क्यों किया जबकि मैं तो दिन रात श्री कृष्ण के नाम का सिमरन करती हूंँ।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब वह उसकी सत्ता पर कैसे विश्वास करे?
श्री कृष्ण की लीला देखिए उसी दिन टीवी पर किसी महात्मा के प्रवचन आ रहे थे कि...
"ईश्वर किसी पर आने वाले कष्ट को रोक नहीं सकते, लेकिन उसके नाम सिमरन से ईश्वर तुम को इतनी शक्ति प्रदान करते हैं कि तुम आसानी से उस संकट से उबर जाओगे, ईश्वर तुम्हारे मार्ग को सरल कर देते हैं। इस लिए नाम सिमरन करते रहना चाहिए"।
यह प्रवचन सुनने ही जैसे उस दिन का सारा घटनाक्रम उसकी आंखों के सामने घूम गया।
उस दिन यहां आंगन में उसका बेटा गिरा था वहां पाईप एक दिन पहले ही हटाई गई थी यह सोच कर उसका मन सिहर गया कि अगर पाइप यही पर पड़ी होती तो बेटे को ज्यादा चोट लग सकती थी।
इसी उधेड़बुन में उसका हाथ पेट पर गया तो उसे स्मरण हो आया कि अभी कुछ दिन पहले तो मेरे पेट का आपरेशन हुआ था..
मैं तो एक बाल्टी नहीं उठा सकती थी लेकिन 20-22 किलो के बेटे को गोद में उठा कर आधा- पौने किलोमीटर दौड़ कर डाक्टर के क्लीनिक तक कैसे गई?
इतनी शक्ति और हिम्मत मुझ में ईश्वर के सिवाय कोई नहीं दे सकता।
अब उसे स्मरण हो आया कि डाक्टर साहब तो 3 बजे तक क्लीनिक में होते हैं लेकिन उस दिन 4बजे तक क्लीनिक में थे, जिस कारण उसके बेटे का समय पर इलाज शुरू हुआ।
क्या पता किसी ईश्वरीय शक्ति ने ही उन्हें रोक कर रखा हो ?
इस सारे घटनाक्रम को याद कर उनके मन के सारे संशय दूर हो गए और जल्दी से घर के मंदिर में जाकर श्री कृष्ण को प्रणाम किया और कहने लगी कि..
कान्हा मेरे पुत्र की रक्षा करने के लिए तेरा शुक्रिया और फिर से श्री कृष्ण के नाम का जाप करने लगी।
"આ કહાની પર થી તમને કંઇક નવું જાણવા મળ્યું કે નહી તે મને બતાવશો... રાધે...રાધે.."
Solanki manojbhai
@Prem ni shodh ma
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((((((( जय जय श्री राधे )))))))
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ઘણી વખત આપણને સાંભળવા મળે છે કે "તું તો ભણ્યો ખરો પણ ગણ્યો નહી"
આ નો અર્થ આજે સમજીએ...
Solanki MANOJBHAi
8401523670
1 ઈંચ = 25.4 મીલીમીટર થાય એ આપણે બધા ને શિખવાડ વામાં આવ્યું છે.
આવાં કન્વર્ઝન સુત્રો શાળા, કોલેજ, યુનિવર્સિટીમાં શીખવવામાં આવે છે.
એક બીજો કોન્સેપ્ટ લીસ્ટ કાઉન્ટ (least count) નો પણ શિખવવામાં આવે છે. લીસ્ટ કાઉન્ટ એ લઘુતમ માપ છે જે 'પૂરી ખાતરી' સાથે આપણે માપી શકીએ છીએ. દા.ત. ઉપરની ફૂટપટ્ટી માં મીલીમીટર બાજુએ 0.5 મીલીમીટર અને ઈંચ બાજુએ ઈંચના 32માં ભાગ જેટલું ખાતરી સાથે માપી શકીએ. સાયન્સ અને ઇંજીનીયરીંગ નો દરેક વિદ્યાર્થી આ 'માહીતી' જાણે છે. બહુજ સામાન્ય વાત છે.
1994 માં એક ફ્રેશ મેકેનિકલ ઈંજીનીયર નો ઈન્ટરવ્યૂ લઈ રહ્યો હતો - મારે આસીસ્ટન્ટ ની જરૂરત હતી.
એક ઈંચ માં કેટલા મીલીમીટર થાય અને લીસ્ટ કાઉન્ટ એટલે શું બન્ને પ્રશ્નો નાં એણે સાચાં જવાબો આપ્યા. ભણતર ની ખાતરી થઈ ગઈ.
હવે ગણતર ચકાસવાનું હતું.
હું: આ કાગળ છે, આ ફૂટપટ્ટી છે અને આ પેન્સીલ છે. આપણે કાગળ કાપવાનો છે. પહેલાં પેન્સીલ થી માર્કીંગ કરવાની છે. ત્યાર પછી કાગળ એવી રીતે કાપવાનો છે કે નાનાં ટુકડા ની પહોળાઈ 50.8 મીલીમીટર હોય.
ઉમેદવાર: સર, આ શક્ય નથી. આપણે 50.5 અથવા 51.0 મીલીમીટર માર્ક કરી શકીએ પણ 50.8 પર માર્કીંગ ના કરી શકીએ કારણ કે ફૂટપટ્ટી નો લીસ્ટ કાઉન્ટ 0.5 મીલીમીટર જ છે. એટલે 1.0, 1.5 વિગેરે વિશે ખાતરી હોઈ શકે પણ 0.8 કે 1.2 કે 1.6 વિશે ખાતરી ના હોઈ શકે.
મેં એને રિજેક્ટ કર્યો.
કારણકે એ 'માહીતી ' જાણતો હતો પણ એનો ઉપયોગ ન્હોતો જાણતો. 1 ઈંચ = 25.4 મીલીમીટર, 2 ઈંચ = 50.8 મીલીમીટર, ……….., 10 ઈંચ =254 મીલીમીટર એટલો જ ઉપયોગ એ જાણતો હતો, એથી વધુ નહીં!
ફૂટપટ્ટી નાં ઈંચ વાળા ભાગમાં 2 ઈંચ ની લાઈન છે તેનો ઉપયોગ કરી 50.8 મીલીમીટર માપી શકાય છે!
આ છે 1 ઈંચ = 25.4 મીલીમીટર સુત્ર નો બીજો ઉપયોગ!
Prem ni shodh ma
તમે આ સંસાર માં શું શોધી રહ્યા છો....
સમજો આ એક કહાની સાથે...
Prem ni shodh ma
8401523670
एक राजा का जन्मदिन था। सुबह जब वह घूमने निकला, तो उसने तय किया कि वह रास्ते मे मिलने वाले पहले व्यक्ति को पूरी तरह खुश व संतुष्ट करेगा।
उसे एक भिखारी मिला। भिखारी ने राजा से भीख मांगी, तो राजा ने भिखारी की तरफ एक तांबे का सिक्का उछाल दिया।
सिक्का भिखारी के हाथ से छूट कर नाली में जा गिरा। भिखारी नाली में हाथ डाल तांबे का सिक्का ढूंढ़ने लगा।
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राजा ने उसे बुला कर दूसरा तांबे का सिक्का दिया। भिखारी ने खुश होकर वह सिक्का अपनी जेब में रख लिया और वापस जाकर नाली में गिरा सिक्का ढूंढ़ने लगा।
राजा को लगा की भिखारी बहुत गरीब है, उसने भिखारी को चांदी का एक सिक्का दिया।
भिखारी राजा की जय जयकार करता फिर नाली में सिक्का ढूंढ़ने लगा।
राजा ने अब भिखारी को एक सोने का सिक्का दिया।
भिखारी खुशी से झूम उठा और वापस भाग कर अपना हाथ नाली की तरफ बढ़ाने लगा।
राजा को बहुत खराब लगा। उसे खुद से तय की गयी बात याद आ गयी कि पहले मिलने वाले व्यक्ति को आज खुश एवं संतुष्ट करना है।
उसने भिखारी को बुलाया और कहा कि मैं तुम्हें अपना आधा राज-पाट देता हूं, अब तो खुश व संतुष्ट हो ?
भिखारी बोला, मैं खुश और संतुष्ट तभी हो सकूंगा जब नाली में गिरा तांबे का सिक्का मुझे मिल जायेगा।
हमारा हाल भी उस भिखारी जैसा ही है। हमें भगवान ने आध्यात्मिकता रूपी अनमोल खजाना दिया है और हम उसे भूलकर संसार रूपी नाली में तांबे के सिक्के निकालने के लिए जीवन गंवाते जा रहे है।
परमात्मा को याद कियें बिन कैसे हो, बेड़ा पार जी।
स्वास हाथ से जा रहे हैं, कीमत बेशुमार जी।
સોલંકી મનોજભાઈ (Prem ni shodh ma)
રાધે રાધે...
એક વાર એક ગામ માં ભંડારો હતો ...જેમાં 3 દોસ્ત જમવા જાયછે...
અને એક વિચાર કરે છે.......पहला बोला- "काश.. हम भी ऐसे भंडारा करा पाते!"
दूसरा बोला- "हाँ.. यार सैलरी तो आने से पहले ही जाने के रास्ते बना लेती है!"
तीसरा बोला- "खर्चे.. इतने सारे होते हैं तो कहाँ से करे भंडारा..!!"
Prem ni shodh ma
8401523670
उनके पास बैठे एक महात्मा भंडारे का आनंद ले रहे थे और वो उन तीनों दोस्तों की बातें भी सुन रहे थे,महात्मा उन तीनों से बोले- "बेटा भंडारा करने के लिए
धन नहीं केवल अच्छे मन की जरूरत होती है!"
वह तीनों आश्चर्यचकित होकर महात्मा की ओर देखने लगे। महात्मा ने सभी की उत्सुकता को देखकर हंसते हुए। कहा
बच्चो तुम..रोज़ 5-10 ग्राम आटा लो और उसे चीटियों के स्थान पर खाने के लिए रख दो, देखना अनेकों चींटियां-मकौड़े उसे खुश होकर खाएँगे। बस हो गया भंडारा।
चावल-दाल के कुछ दाने लो, उसे अपनी छत पर बिखेर दो और एक कटोरे में पानी भर कर रख दो, चिड़िया-कबूतर आकर खाएंगे। बस हो गया भंडारा।
गाय और कुत्ते को रोज़ एक-एक रोटी खिलाओ और घर के बाहर उनके पीने के लिये पानी भर कर रख दो।
बस हो गया भंडारा।
ईश्वर ने सभी के लिए अन्न का प्रबंध किया है। ये जो तुम और मैं यहां बैठकर पूड़ी-सब्जी का आनंद ले रहे हैं ना, इस अन्न पर ईश्वर ने हमारा नाम लिखा हुआ है।
बच्चो..!! तुम भी जीव-जन्तुओं के भोजन का प्रबन्ध करने के लिए जो भी व्यवस्था करोगे, वह भी उस ऊपर वाले की इच्छा से ही होगा,
यही तो है भंडारा।
महात्मा बोले- बच्चो जाने कौन कहाँ से आ रहा है और कौन कहाँ जा रहा है, किसी को भी पता नहीं होता और ना ही किसको कहाँ से क्या मिलेगा या नहीं मिलेगा यह पता होता, बस सब ईश्वर की माया है।
तीनों युवकों के चेहरे पर एक अच्छी सुकून देने वाली खुशी छा गई। उन्हें भंडारा खाने के साथ-साथ,भंडारा करने का रास्ता भी मिल चुका था
ભંગાર ના ધંધા ની તમામ મૂડી માતાજી ની સેવા માં
Solanki manojbhai
Solanki Manoj Bhai 8401523670 વડગામ તાલુકાના થુવર ગામ આવેલ KGBV શાળા માંથી આવેલ (1) ડાભી સીતા બેન..(2) પ્રજાપતિ ખુશ્બુ બેન..(3)વાઘેલા સોનબા....